पंजाब केन्द्रीय विश्वविद्यालय में भारत सरकार के उच्चतर शिक्षा विभाग के सचिव और पंजाब के 12 प्रमुख उच्च शिक्षण संस्थानों के साथ संवाद सत्र कार्यक्रम का आयोजन
Organizing a Dialogue Session
उच्चतर शिक्षा विभाग सचिव श्री संजय मूर्ति ने विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास, उद्यमिता और अंतर्विषयी अध्ययन को बढ़ावा देने हेतु उच्च शिक्षण संस्थानों से बहु-विषयक शिक्षा, मूकस क्रेडिट ट्रांसफर, एबीसी और अनुभवजन्य शिक्षा जैसे एनईपी-2020 के परिवर्तनकारी सुधारों को अपनाने का आग्रह किया
नवाचार और कौशल विकास को प्रोत्साहित करने हेतु ओपन क्लासरूम और ड्यूल डिग्री प्रोग्राम जैसे अभिनव सुधारों को अपनाना आवश्यक - श्री के. संजय मूर्ति
पंजाब के उच्च शिक्षण संस्थानों को अपनी क्षमता पहचानते हुए अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में बेहतर प्रदर्शन के साथ वैश्विक अकादमिक मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करना होगा - श्री के. संजय मूर्ति
बठिंडा, 27 अक्टूबर: Organizing a Dialogue Session: भारत सरकार के उच्चतर शिक्षा विभाग के सचिव श्री के. संजय मूर्ति की पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय, बठिंडा की यात्रा के दूसरे दिन विश्वविद्यालय ने उच्चतर शिक्षा विभाग के सचिव और क्षेत्र के 12 प्रमुख उच्च शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधियों के साथ एक राउंडटेबल संवाद सत्र का आयोजन किया। इस सत्र का उद्देश्य पंजाब के उच्च शिक्षण संस्थानों में एनईपी-2020 के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए एक रोडमैप तैयार करना था।
सीयू पंजाब के अतिरिक्त इस सत्र में भाग लेने वाले 12 अन्य सहभागी संस्थानों में एम्स बठिंडा; एनआईटी जालंधर; राजीव गांधी राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, पटियाला; पीएयू, लुधियाना; एसएलआईईटी, लोंगोवाल; एमआरएस-पीटीयू, बठिंडा; बाबा फरीद स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, फरीदकोट; आदेश विश्वविद्यालय, बठिंडा; बाबा फरीद ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशन्स, बठिंडा; अकाल विश्वविद्यालय, तलवंडी साबो; गुरु काशी विश्वविद्यालय, तलवंडी साबो; और एसएसडी गर्ल्स कॉलेज, बठिंडा शामिल थे।
सत्र की शुरुआत में सीयू पंजाब के कुलपति प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी ने सहभागी उच्च शिक्षण संस्थानों का स्वागत किया और उन्हें मुख्य अतिथि श्री के. संजय मूर्ति के साथ परिचित कराया। उन्होंने सीयू पंजाब में एनईपी-2020 के कार्यान्वयन की प्रगति रिपोर्ट को साझा करते हुए विश्वविद्यालय के शैक्षिक एवं अनुसंधान सहयोग को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दोहराया। प्रो. तिवारी ने बताया कि इस सत्र में सम्मिलित कई सहभागी उच्च शिक्षण संस्थान मई 2023 में स्थापित बठिंडा क्षेत्र के उच्च शैक्षिक संस्थानों के संघ के सदस्य भी हैं। इस सत्र में उच्च शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधियों ने अपनी सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करते हुए बहु-विषयक शिक्षा, संसाधन दक्षता, पाठ्यक्रम लचीलापन, और औद्योगिक साझेदारियों से संबंधित चुनौतियों पर चर्चा की।
अपने संबोधन में उच्चतर शिक्षा विभाग सचिव श्री के. संजय मूर्ति ने प्रतिभागी उच्च शिक्षण संस्थानों को विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास, उद्यमिता और अंतर्विषयी अध्ययन को बढ़ावा देने हेतु एलओसीएफ आधारित बहु-विषयक शिक्षा, एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स, लचीले प्रवेश और निकास विकल्प, मूक्स क्रेडिट ट्रांसफर, एबीसी और अनुभवात्मक शिक्षा जैसे एनईपी-2020 के परिवर्तनकारी सुधारों को अपनाने का आग्रह किया। श्री मूर्ति ने एनआईटी जालंधर द्वारा बी.टेक छात्रों के लिए शुरू किए गए ड्यूल डिग्री प्रोग्राम और सीयू पंजाब द्वारा एम्स बठिंडा के सहयोग के साथ शुरू किए गए एआई और हेल्थकेयर तथा सीयू पंजाब एवं एमआरएस-पीटीयू, बठिंडा द्वारा बौद्धिक संपदा अधिकार विषय में प्रारंभ किए गए संयुक्त डिग्री/डिप्लोमा कार्यक्रमों का उदाहरण देते हुए बताया कि इस तरह के कार्यक्रम छात्रों की क्षमता को बढ़ाने के उत्कृष्ट मॉडल हैं, जिन्हें अन्य शिक्षण संस्थानों को अपनाना होगा। साथ ही, उन्होंने स्वयम प्लस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध मूक्स कोर्सेज की महत्ता पर जोर दिया, जो छात्रों को देशभर के शीर्ष शिक्षकों से विशेषज्ञता हासिल करने का अवसर प्रदान करते है। उन्होंने उच्च शिक्षण संस्थानों को अपना डिजिटल फुटप्रिंट मजबूत करने और अपनी प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए अपने स्वयं के मूक्स कोर्स बनाने का भी सुझाव दिया।
उच्चतर शिक्षा विभाग सचिव ने आईआईटी बॉम्बे की सफल ओपन क्लासरूम की पहल का उल्लेख किया और इसे उच्च शिक्षण संस्थानों द्वारा अपनाने की सिफारिश की, जिससे संस्थानों और समाज के बीच ज्ञान साझा हो सके। उन्होंने कक्षा में सक्रिय चर्चा को प्रोत्साहित करने और फ्लिप लर्निंग तथा अभिनव शिक्षण विधियों को सुविधाजनक बनाने हेतु ऑनलाइन शैक्षिक संसाधनों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर भी बल दिया। शिक्षा मंत्रालय से उपलब्ध अवसरों को रेखांकित करते हुए श्री संजय मूर्ति ने उच्च शिक्षण संस्थानों से वरिष्ठ संकाय सदस्यों को प्रमुख प्रबंधन स्कूलों में नेतृत्व प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए नामांकित करने का आग्रह किया, जिससे मानव संसाधन दक्षता में सुधार हो सके। उन्होंने सुझाव दिया कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों को एसटीईएम शिक्षकों को कौशल में वृद्धि हेतु विशेष पाठ्यक्रम विकसित करना चाहिए। संबोधन के अंत में उन्होंने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में भाग लेने का आग्रह किया और इस बात पर बल दिया कि पंजाब के उच्च शिक्षण संस्थानों को अपनी क्षमता पहचानते हुए बेहतर प्रदर्शन के साथ वैश्विक अकादमिक मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करना होगा।
इस सत्र में प्रतिभागी उच्च शिक्षण संस्थानों से आरजीएनयूएल पटियाला के कुलपति प्रो. जय सिंह, बीएफजीआई बठिंडा के प्रबंध निदेशक श्री गुरमीत धालीवाल, पीएयू लुधियाना से कृषि विज्ञान प्रोफेसर डॉ. हरमीत सिंह; एमआरएस-पीटीयू बठिंडा के कुलपति प्रो. संदीप कंसल, बीएफयूएचएस फरीदकोट के डीन (कॉलेज एवं विकास) प्रो. दीपक जॉन भट्टी, एम्स बठिंडा के डीन अकादमिक प्रो. अखिलेश पाठक, आदेश विश्वविद्यालय बठिंडा के डीन पीजी अध्ययन एवं अनुसंधान प्रो. आर.जी. सैनी, अकाल विश्वविद्यालय तलवंडी साबो के डीन अकादमिक मेजर जनरल (डॉ.) जी.एस. लांबा, एनआईटी जालंधर के डीन अकादमिक प्रो. रमन बेदी, एसएलआईईटी लोंगोवाल के डीन अकादमिक प्रो. एएस शाही, और एसएसडी गर्ल्स कॉलेज बठिंडा से डॉ. पोमी बंसल विशेष अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए।
कार्यक्रम के समापन पर कुलपति प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी ने श्री के. संजय मूर्ति को पंजाब के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को मार्गदर्शन और प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने सत्र के दौरान साझा किए गए विचारों और अंतर्दृष्टियों के महत्व को रेखांकित करते हुए आशा व्यक्त की कि यह कार्यक्रम भविष्य में सहयोगी पहल को प्रोत्साहित करने हेतु सहायक सिद्ध होगा। अंत में उन्होंने सभी प्रतिभागी उच्च शिक्षण संस्थानों को इस कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लेने हेतु धन्यवाद ज्ञापित किया।